Hanuman Jayanti 2024 Wishes हनुमान जयंती का महत्व हिंदू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है। यह त्योहार भगवान हनुमान, भगवान राम के भक्त और भगवान शिव के अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। 2024 में 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी !
Hanuman Jayanti 2024 wishes : टॉप 10 शुभकामनाये मैसेज !
- हनुमान जयंती की शुभकामनाएँ! भगवान हनुमान आपकी जिंदगी में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आएं।
- हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! आपके जीवन में हर कठिनाई को हनुमान जी की कृपा से आसानी से पार करने की क्षमता प्राप्त हो।
- हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर, आपके जीवन में खुशियों की बारिश हो, और आप हमेशा सच्चे मन से भगवान हनुमान की शरण में रहें।
- हनुमान जयंती की शुभकामनाएं! भगवान हनुमान सदा आपके साथ रहें और आपको सभी बुराईयों से बचाएं।
- आपको हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान हनुमान आपके जीवन को सदैव मंगलमय बनाए रखें।
- हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर, आपको खुदा भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद सदा मिलता रहे।
- हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहे।
- हनुमान जयंती की बधाई! आपके द्वारा किए गए सभी कार्य सफल हों और आप हमेशा सफलता की ऊंचाइयों को छूते रहें।
- आपको हनुमान जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं! भगवान हनुमान आपके सभी मनोकामनाएं पूरी करें।
- हनुमान जयंती के इस पवित्र दिन पर, आपके द्वारा किए गए सभी प्रयास सफल हों, और आप हमेशा स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल रहें।
हनुमान जयंती मंत्र –
हनुमान जयंती मंत्र:
ॐ हं हनुमते नमः॥
यह मंत्र हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे हनुमान जी की पूजा और ध्यान के समय जाप किया जा सकता है, विशेष रूप से हनुमान जयंती के दिन।
Hanuman Jayanti 2024 wishes
हनुमान जी की आरती !
हनुमान जयंती के दिन, हनुमान जी की आरती गाई जाती है। यहाँ एक प्रसिद्ध हनुमान जी की आरती है:
आरती कीजै हनुमान लाला की
दुर्गाम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहै तुम्हारी शरना, तुम रक्षक काहू को डर ना॥
आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बलबीरा॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥
चारों युग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु-संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम-जनम के दुख बिसरावै॥
अंत काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥
हनुमान जयंती की आरती जो कोई नर गावै।
ताके बहुत भला भाग करी, कृपा करहिं गुरुदेव की नाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर॥
श्री हनुमान जी की आरती को गाते समय भक्तिभाव से मन को उनकी दिव्य साक्षात्कार की अनुभूति होती है।
हनुमान जयंती के महत्व !
हनुमान जी को महाकाय, वीर विक्रम, ज्ञान-गुण सागर, काञ्चन बरन बिराज सुवेज। काँचनाजनी, कोटि सूर्यसम, तारा अज्ञा याहि जानेज॥ इस प्रकार के स्तुति से जाने जाते हैं।
हनुमान जी को महाबली, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र, शंकर सुवन, केसरी नंदन, तेज प्रताप महाजगवन। विद्यावान गुनी अति चातुर, रामकाज करिबेको आतुर॥ इस प्रकार के गुणों को धारण करते हैं।
हनुमान जयंती के महत्व को निम्नलिखित कारणों से समझा जा सकता है:
- भगवान हनुमान का अवतरण: हनुमान जी का अवतार श्रीराम के द्वारा रावण के सम्पूर्ण सेना को जीतने के लिए किया गया था।
- भक्ति और निष्ठा का प्रतीक: हनुमान जी राम भक्ति के प्रतीक हैं। उनकी निष्ठा, वीरता, और सेवा भावना को याद करते हुए, उन्हें उनकी जयंती के दिन श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
- शक्ति और संयम का प्रतीक: हनुमान जी को शक्ति, साहस और संयम का प्रतीक माना जाता है। इनकी आराधना से भक्त अपनी आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।
- रोग निवारण: हनुमान जी की कृपा से रोग निवारण होता है, इसलिए उनकी जयंती को रोगमुक्ति के लिए भी मनाया जाता है।
- समाज में एकता का प्रतीक: हनुमान जयंती को लोग एकता और सामाजिक सद्भावना के साथ मनाते हैं।
- धार्मिक महत्व: हनुमान जी को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है, और उनकी जयंती का धार्मिक अध्ययन और साधना में विशेष महत्व होता है।
इस प्रकार, हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के बल, शक्ति, और भक्ति के साथ याद किया जाता है और लोग उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।
हनुमान जयंती पर क्या न करे ?
हनुमान जयंती के दिन कुछ न करने की कुछ बातें हैं जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए:
- अशुभ कामों में न लगें: हनुमान जयंती के दिन किसी भी प्रकार के अशुभ कामों में न लगें। यह दिन भगवान हनुमान के उत्सव का दिन है, इसलिए ध्यान और पूजन में ही विशेषता दें।
- अपशब्दों का प्रयोग न करें: इस दिन किसी भी प्रकार के अश्लील या अशुभ शब्दों का प्रयोग न करें।
- अहिंसा और सत्य का पालन करें: हनुमान जयंती के दिन अहिंसा और सत्य का पालन करें। अन्य लोगों की मदद करें और दयालु बनें।
- ध्यान और पूजा के लिए समय निकालें: इस दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना के लिए समय निकालें और उन्हें विशेष रूप से समर्पित करें।
- ध्यान में रहें: इस दिन अपने मन को शुद्ध और ध्यानित रखें। ध्यान और ध्यान के माध्यम से हनुमान जी की कृपा को प्राप्त करें।
- अन्य धर्मिक गतिविधियों में शामिल न हों: हनुमान जयंती के दिन किसी अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल न हों। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू उत्सव है, इसलिए इसे समर्पित रूप से मनाएं।
- ध्यान रखें कि हिंदू परंपरा का सम्मान करें: हनुमान जयंती के दिन हिंदू परंपरा का सम्मान करें और उसे ध्यान में रखें कि यह एक धार्मिक उत्सव है जो भगवान हनुमान की महिमा को याद करता है।
इन बातों का पालन करके, आप हनुमान जयंती को ध्यानपूर्वक मना सकते हैं और उसके महत्व को समझ सकते हैं।
हनुमान जयंती पूजा विधि –
हनुमान जयंती के दिन अनुष्ठान करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि का पालन किया जा सकता है:
सामग्री:
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र
- पूजा स्थल
- गंगाजल या पानी
- चौकी, थाली, आरती की थाल
- दीपक, अगरबत्ती, कपूर
- फूल, फल, पूजनीय आहार
- राख, रोली, चावल, सुपारी, नारियल
- चादर या वस्त्र
पूजा विधि:
- स्नान और पूजा स्थल की सजावट: पहले हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्नान करें। फिर पूजा स्थल को सजाएं।
- गणेश पूजा: शुरुआत में गणेश जी की पूजा करें।
- हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को अर्चना के लिए सजाएं। उन्हें गंगाजल या पानी से स्नान कराएं। फिर रोली-चावल, फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, कपूर, फल, सुपारी, नारियल, और धनिया-चावल चढ़ाएं।
- मंत्रों का जप: हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र, या हनुमान मंत्रों का जप करें।
- आरती: हनुमान जी की आरती गाएं।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद को सभी को बांटें।
- ध्यान और पाठ: हनुमान जी के जीवन की कथा का पाठ करें और उनके नामों का ध्यान करें।
यही पूजा विधि का पालन करके आप हनुमान जयंती को ध्यानपूर्वक मना सकते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।
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