गौरव वल्लभ कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ताओं में से एक थे जोकि आज पार्टी छोड़ के चले गए हैं अभी हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उदयपुर से विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं पर सफलता नहीं मिली ताराचंद जैन से ३० हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा लगातार वरिष्ठ कांग्रेसियों का बीजेपी में जाना लगा हुआ है देखना होगा ये सिलसला कब तक चलेगा.
आज सुबह ही मल्लिकार्जुन खड़गे को इन्होंने इस्तीफा सोपा था और शाम तक ये बीजेपी में शामिल हो गए 🆕 आईडिया को पार्टी तवज्जो नहीं दे रही ये भी इनका कहना था पार्टी के फैसलों से ये नाराज चल रहे थे.
गौरव वल्लभ ने 5 ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं पूछ कर किया था संबित पात्रा को चुप !
गौरव वल्लभ गौरव वल्लभ इकोनॉमिक्स के अच्छे जानकार माने जाते हैं तथा ये प्रोफेसर भी रह चुके हैं इसलिए न्यूज चैनल डिबेट में इन्हे बड़े बड़े सूरमाओं को चुप कराते हुए देखा गया हैं
क्या रही वजह कांग्रेस कांग्रेस छोड़ के जाने की? जाने,
इस मुद्दे पर गौरव वल्लभ का कहना ही की वो उद्योगपतियों को गाली या भला बुरा नही कह सकते जबकि ये लोग देश के लिए वेल्थ क्रिएट कर रहे हैं और सनातनी के विरोध में भी गालियां नही दे सकते इसलिए पार्टी छोड़ कर जाने का फैसला गौरव वल्लभ ने लिया उनका कहना ये भी था कि पार्टी के तरफ से जो लोग गलत बयानबाजिया कर रहा हैं उन पर पार्टी सख्त नही हैं इसलिए कांग्रेस छोड़ने का फैसला वल्लभजी ने लिया .
गौरव वल्लभ का बीजेपी में क्या रहेगा रोल?
दोस्तो अब सवाल ये भी आता ही की बीजेपी में उन्हें क्या रोल मिलने वाला हैं वो सामान्य कार्यकर्ता रहेंगे या फिर कोई पद उनका इंतजार कर रहा हैं गौरव वल्लभ की छवि काफी समझदार और बुद्धिमत्ता वाले इंसान को रही हैं इन्होंने कई बार न्यूज एंकर को भी चुप कराया हैं अपने सटीक जवाब देने में ये काफी चर्चा के रहते हैं पर अभी ये साफ नहीं हो पाया हैं की इनका पार्टी में क्या रोल रहेगा!
क्या बीजेपी हुई कांग्रेसमयी ?
दोस्तो कल ही बॉक्सर विजेंदर सिंह भी बीजेपी पार्टी का दामन थाम चुके हैं ये ओलंपिक खिलाड़ी हैं जो भारत जोड़ो यात्रा में काफी एक्टिव देखे गए थे इसी तरफ पूरे देश में कांग्रेस पार्टी के लोग बीजेपी में शामिल होते हुए नजर आ रहे हैं जो की कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता का विषय भी हैं विपक्ष का कहना हैं को सारे भ्रष्टाचारी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं और बीजेपी वो वशिग मशीन बन चुकी ही जो सारे भ्रष्टाचारियों का tag हटा रही हैं
ये सब पार्टियों की गर्मागर्मी लोकसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से भी हैं किसी को टिकट नहीं मिलना पार्टी छोड़ने की वजह हैं तो कोई की विचारधारा को लड़ाई हैं दोस्तो ये तो अक्सर देखा गया है की चुनाव नजदीक आते ही पार्टी के नेता अपनी पार्टी बदलने में लग जाते हैं
कई क्रिटिक का कहना ही की बीजेपी पार्टी अपनी सोची समझी राजनीति के वजह से ये कर रही हैं और विपक्ष के नेताओ को पार्टी में डरा धमका कर ला रही हैं आगे देखना होगा कि ये कितना सच हैं और कितना झूठ वैसे बीजेपी भी इस चुनाव में कोई ढील देती नजर नहीं आ रही हैं कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया ही की चुनाव को हल्के में न ले फुल एनर्जी से काम करने का आदेश बीजेपी दे चुकी हैं और जितनी ताकत लगाई जा सकती ही उतनी ही ताकत बीजेपी लगाती हुई नजर आ रही हैं अभी कुछ दिन पहले ही छिंदवाड़ा मेयर भी कांग्रेस छोड़ के बीजेपी में शामिल हो चुके हैं छिंदवाड़ा लोकसभा से कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं. जोकि कांग्रेस के लिए अच्छी सीट मानी जाती हैं वहा भी बीजेपी अपनी सेंध लगाने में कामयाब हुई हैं अमरवाड़ा के विधायक जो की छिंदवाड़ा लोकसभा की एक विधानसभा सीट हैं यह के विधायक भी बीजेपी में चले गए ही नकूलनाथ की मुश्किल यहा बढ़ती हुई नजर आ रही हैं
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